आप सभी को हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
अपने शिष्य समाज के लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है कि अपने प्रिय श्री सदगुरुदेव भगवान का हिंदी से क्या जुड़ाव रहा। श्री महाराज ने अपने विद्यार्थी जीवन मे कभी भी हिंदी का अध्ययन नही किया। वह उर्दू में अपनी बातों को स्प्ष्ट रूप से रखते थे, पर आज जब उनके साहित्यों की ओर देखते हैं तो एक अपार संग्रह है जो कि हम सभी को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कराता है। श्री महाराज जी ने सन्यास के पूर्व अध्यापक के तौर पर हिंदी विषय से लोगो को शिक्षा भी दी। गुरु की कृपा का ही यह प्रमाण है जो कि स्वतः प्रमाणित है, सदगुरुदेव भगवान के विचारों,उल्लेखों व आदर्श की जितनी भी प्रशंसा की जाएं वह कम है। आज हिंदी दिवस पर एक बार पुनः आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
अद्वैत शैलवरांश
अपने शिष्य समाज के लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है कि अपने प्रिय श्री सदगुरुदेव भगवान का हिंदी से क्या जुड़ाव रहा। श्री महाराज ने अपने विद्यार्थी जीवन मे कभी भी हिंदी का अध्ययन नही किया। वह उर्दू में अपनी बातों को स्प्ष्ट रूप से रखते थे, पर आज जब उनके साहित्यों की ओर देखते हैं तो एक अपार संग्रह है जो कि हम सभी को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कराता है। श्री महाराज जी ने सन्यास के पूर्व अध्यापक के तौर पर हिंदी विषय से लोगो को शिक्षा भी दी। गुरु की कृपा का ही यह प्रमाण है जो कि स्वतः प्रमाणित है, सदगुरुदेव भगवान के विचारों,उल्लेखों व आदर्श की जितनी भी प्रशंसा की जाएं वह कम है। आज हिंदी दिवस पर एक बार पुनः आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
अद्वैत शैलवरांश